Uncategorized

बेजुबानों की सेवा में समर्पित हल्द्वानी की दो बेटियां — अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष

“कुछ ऐसा कर बन्दे की नाम हो जाये..
खुदा भी तुझ-पे मेहरबान हो जाये…
मुफलिसों की मदद के लिए दौलत नहीं तो क्या हुआ… इस हौसले से निकल की उनका काम हो जाये”

इसी सोच के साथ हल्द्वानी की दो बेटियां रिया औऱ खुशबू समाज़ में कुछ ऐसा अलग काम करने निकली हैं जो आपको इंसानियत के नाते कुछ सोचने और समझने पर मजबूर कर देंगी ।

रिया हल्द्वानी की रहने वाली हैं और खुशबू अल्मोड़ा के एक छोटे से गांव चौखुटिया की रहने वाली है, इन लड़कियों की परवरिश भले ही शहरोँ में हुई हो लेकिन बेजुबान जानवरों के प्रति जो इन्होंने अपनी अहम भूमिका तय की वह आजकल इंसान भी इंसान के लिये नही करता, घर, गली, मोहल्ले से उन जानवरों को उठाकर लाना जो बीमारी के चलते या किसी के प्रताड़ित करने से ज़िंदगी के प्रति लाचार हो गये, बीमार, घायल कुत्तों को उठाकर घर लाना, उनको इलाज देना, खाने की ब्यबस्था कर उनके रहने की ब्यबस्था करना , रिया औऱ खुशबू की ज़िंदगी का एक हिस्सा है, रिया बताती हैं की कई ऐसे घायल औऱ बीमार कुत्ते थे जिनका बचना असम्भव था लेकिन रिया की मेहनत और सेवा की वजह से उनको दुबारा जिंदगी मिली है , रिया बताती हैं..”बेजुबानों का सहारा कौन” इसलिये उनको समझना पड़ेगा, जब तक जान है तब तक वह बेसहारा औऱ बेजुबानों के लिये काम करेंगे ।

खुसबू पहले दिल्ली में थी अब हल्द्वानी आ गयी हैं, बेजुबानों के प्रति लगाव पहले से ही था, कई बेजुबान ऐसे मिले जो जिंदगी से जंग लड़ रहे थे, उनको घर लाये, खुद इलाज दिया, खुद के पैसों से डॉक्टर से इलाज करवाया और अब वो बेजुबान ठीक हैं, हल्द्वानी में रिया औऱ खुशबू ने कुत्तों के लिये एक शेल्टर होम भी खोला है जहाँ कई कुत्तो को रखा गया है और उनका इलाज चल रहा है, रिया और खुशबू उनको खुद इलाज भी देती है, खुसबू बताती हैं की बेजुबानों के प्रति दिल्ली से शुरू हुआ सफऱ अब कभी रुकेगा नही ।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रिया औऱ खुशबू दोनों की सोच और हौसले को हम सब सलाम करते हैं , जो पूरे दिन पूरे साल उन बेजुबानों को सहारा देने का काम करती है, जहां लोग घायल जानवरों पर हाथ लगाने में भी घबराते हैं वही रिया ओर खुशबू बेजुबानों को इलाज़, खाना औऱ आशियाना देकर उनकी निस्वार्थ सेवा कर रही है, जिस उम्र में युवक युवतियां अपने भविष्य के सपने संजोते हैं उस उम्र में बेजुबानों के प्रति इन बेटियों की सेवा और समर्पण काबिले तारीफ है ।

Leave a Reply

Compare